आजमगढ़ जनपद अखण्ड भारत का सुपरिचित नाम है। यह मनीषी राहुल सांकृत्यायन तथा जनकवि हरिओध की धरती है। वर्षों से यह सांकृतिक चेतना का संवाहक रहा है। इसी जनपद के कप्तानगंज-अहिरौला मार्ग पर एक ग्राम तीर्थ है, समदी। समदी श्रम साधकों का गाँव है। लोक मान्यतानुसार वन-गमन के समय श्रीराम एवं हिमालय जाते समय पाण्डवों ने यहाँ विश्राम किया था। तमसा और मजुई मंजूषा के पवित्र संगम के समीप समदी में अवस्थित है राजकीय महिला महाविद्यालय। उत्तर प्रदेश शासन ने ग्रामीण क्षेत्र हेतु विशेष परियोजना के रूप में इसकी स्थापना की है। उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश संख्या: 1036-सत्तर-5-2016-70(32)/2014 द्वारा जुलाई 2016 में स्थापित इस राजकीय महिला महावि्यालय में कला-समाज विज्ञान, वाणिज्य व विज्ञान संकाय में प्रवेशनुमति दी गई है। यह राजकीय महाविद्यालय, आजमगढ़ में अवस्थित दूसरा राजकीय महिला महाविद्यालय है। जिन महानुभावों ने इस संस्कारशाला की अवसथापना में प्रत्यक्ष व परोक्ष सहयोग दिया है, वे सर्वथा अभिनन्दन के अधिकारी हैं। शैक्षिक सत्र 2016-17 की प्रथम छात्रा बनीं अंतिमा प्रजापति। उत्तर प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप इसे भव्य व आदर्श स्वरूप प्रदान करने हेतु कई अभिनव प्रयोग किये गए हैं। महाविद्यालय की छात्राओं के अध्यापन हेतु लिए सभी प्रकार के संसाधन सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए हैं। विदयुत, शुद्ध पेयजल, मानक प्रयोगशाला की व्यवस्था आरम्मिक सत्र से ही हो गई थी। लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा चयनित मेधावी तथा समर्पित प्राध्यापकों को यहाँ अध्यापन हेतु भेजा जाता है। सीमित संसाधन में भी अपनी गुणवत्ता तथा अभिनव संकल्पना के कारण यह महाविद्यालय स्थापना वर्ष से ही जनप्रिय हो गया है। अनुशासन, कुशल प्रशासन और मानक अध्यापन ही इस महाविद्यालय का परिचय है। समृद्ध पुस्तकालय, बुक बैंक, ई-कॉन्टेंट, वाचनालय, इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ कंप्यूटर केन्द्र, आधुनिक व्यायामशाला छात्राओं हेतु उपलब्ध है। महाविद्यालय सभी पंजीकृत छात्राओं को अध्यापन के साथ ही उनके सम्पूर्ण व्यक्तिगत विकास हेतु कला, अभिव्यक्ति, मंच प्रदर्शन, प्रस्तुतीकरण, भाषण शैली, आन्तरिक स्तर पर ज्ञानवर्धक प्रतियोगिता, समाज सेवा, देश भक्ति, तार्किक व वैज्ञानिक सोच को दिशा देने के लिए निरन्तर प्रतिबद्ध है। छात्रवृत्ति, शुल्क मुक्ति, निर्धन-छात्रा सहायता, छात्रा-कल्याण प्रकोष्ठ, आन्तरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ (IQAC), महाविद्यालय ई-पत्रिका, समाचार पत्र-पत्रिका, वार्षिकोत्सव, वार्षिक क्रीड़ा, परिषदीय प्रतियोगितायें, राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार, वेबिनार, व्याख्यान माला, प्रेरिकी आदि के माध्यम से छात्राओं को वैचारिक समृद्धि प्रदान करने हेतु महाविद्यालय सदैव संकल्पित है एवं छात्राओं के बहुमुखी विकास हेतु नवीन विचार को आत्मसात करने के लिए हमेशा तत्पर है।
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